Monday, September 28, 2009

जब हम-----

इश्क में थे हम तो सब अच्छा लगता था।
क्या कहें दर्द का सबब अच्छा लगता था॥

मत दो इल्ज़ाम हमे, ये जानते हो तुम भी।
तुम्हारा रूठना हमे कब अच्छा लगता था॥

मिट गए थे तुम्हारे लिए,उस दौर की बात है।
क़यामत भी हम को जब अच्छा लगता था॥

बताये हम तुम्हे के गुस्से मे तुम्हारा।
वो हाथ झटकना हमको तब अच्छा लगता था.....




Sunday, September 27, 2009

नेपाली ग़ज़ल - गल्ली गल्ली बस्ती बस्ती

गल्ली गल्ली बस्ती बस्ती मैले गुंडा राज देखें ।
तिमी भित्र पनि मैले लोग्ने मान्छेकै समाज देखें॥

पुरूष हुनुको खोक्रो घमंडले भरिएको ।
तिम्रो शिरमा पनि मैले उस्तै ताज देखें॥

तिम्रो उही आदर्शलाई कैद गरि राखिएको।
तिम्रै घरमा मैले एउटा बंद दराज देखें॥

नारी सती नारी सीता नारी दुर्गा बिर्सीएछौ
आउंदा तूफान तिम्रो डुबेको जहाज देखें..





Thursday, September 17, 2009

नेपाली ग़ज़ल - आएन दशैं खै मेरो लागी

आएन दशैं खै मेरो लागी,शरद लाग्दा नि।
पहाड़ पारी माइती घरमा जमरा राख्दा नि॥

दिन गन्दै बसेबर्ष दिन भरी ,यो दैब निष्ठुरी।
लागेन दया,म रुंदा रुँदै रातभरि जाग्दा नि॥

नहेर आमा मुलबाटो तिमी नकुर मलाई।
म आउने छैन,तिमीले जति दोबाटो ताक्द नि॥

टिकाको दिन ती नयाँ लुगा,फ़ुर्कदै घुमेको।
सम्झन्छु आज सपना देख्दै यी आँखा थाक्दा नि॥

यी बैरी रैछन यहाँका मान्छे,सुनेनन केहीगरी।
दुई हात जोड़दै,बिलौना गरी तिमीले डाक्दा नि॥




Wednesday, September 16, 2009

नेपाली ग़ज़ल - रंगिएको सिंउदो तर

रंगिएको सिंउदो तर, मनमा तिम्रो याद किन
बुझ्न कहिले नसकिने ,आफ्नै मनको बात किन॥

होइन म तिम्री प्रिया,छैन कुनै नाता तर ।
फेरी पनि प्यारो लाग्छ मलाई तिम्रो साथ किन॥

समाजको बंधन भित्र,पिल्सिएको जिन्दगी यो।
अंगालोमा बांधिदा नि,रित्तो मेरो रात किन॥

अनुमति छैन मलाई, थाह हुंदा हुँदै पनि ।
चाहान्छु म समाउन , उही तिम्रो हात किन॥

कसरी म सत्य लुकाऊ उनका निर्दोष आँखा छली।
बुझ्दिन आखिर म बाट नै हुन्छ यस्तो घात किन॥



Tuesday, September 8, 2009

रहने दो....

रहने दो बेहोश हमे ,होश में तो उनकी याद आती है।
अच्छा है के बंद है निगाहें हमारी,खुली आँखों को तो तन्हाई सताती है..

रहने दो परदे में उन्हें,के रहे सलामत हुस्न उनका ।
जो पड़ी हमारी निगाहें उनपर ,वो कहते है के उनकी सांसे रुक जाती है..

चले जायँगे हम उनकी शहर से,के आख़री बार मिलने की तमन्ना है॥
सुना है के एक उनकी हँसी,दिलों पर क़यामत ढाती है......





Sunday, September 6, 2009

नेपाली ग़ज़ल - आज फेरी त्यो प्रेम कहानी

आज फेरी त्यो प्रेम कहानी नमाग ..
यो दिल जलेको निशानी नमाग..

तिमीले माग्यौ मुटु ,मैले जिंदगी नै सुम्पीदिए ।
बिन्ती फेरी भिजेको यो सिरानी नमाग...

पर्खीएर तिमीलाई ,बचेर भीड़देखि।
नजर नजर जुधाउने बानी नमाग ..

तिमी टाढा भए पनि, हर साँझ तिम्रै लागी।
जलेको यो मुटु जानी जानी नमाग.....





Wednesday, September 2, 2009

कितना मुश्किल है.

कितना मुश्किल होता है,आँखों से बहते आंसुवो को रोकना।
जैसे के धीरे धीरे ज़हर कोई उतर रहा को सीने में ....

ऐ अजनबी तू कल भी अजनबी था ,आज भी अजनबी है।
ये सायद हमारी ही भूल थी,के करीब आ गए हम.............






दिल को तोड़ने वाले

तुने तोड़े है कसम जो प्यार के थे
तेरे हाथों में अब खून की महक आती है
तेरी आँखों में भरा है गुरूर का अक्श
तेरी नज़रे मुझे अलग ही मंज़र दिखाती है .....

तू क्या था जो महोब्बत में था ।
तेरे धडकनों में दर्द का साज़ गूंजता था ।
जो तू रुक्सत हुवा उस मोड़ से ।
जब उस पार मिला तो कुछ बदला बदला सा था ....