Sunday, September 15, 2013

दिल मेरो तोडी गयो,बसेर आँखा बाट
सीसा सरि फुटें म ,खसेर आँखा बाट

चुमेर हात उसले एक रात यो भनेथ्यो
घायल बनाइ देउ, डसेर आँखा बाट

छन् बहाना अनौठा,प्रेमी यी झुठा भन्छन
उम्किने बाटो छैन ,फसेर आँखा बाट

भन्छु म नजुधाऊ कोहि पनि आँखा आँखा
मुटु जलाई जान्छन, पसेर आँखा बाट

एकान्त मैले रोजें ,र रोजें साथ आफ्नै
भाग्दै छु आज सम्म,तर्सेर आँखा बाट। …।

Wednesday, August 21, 2013

छोयो मलाई के भो,मेरो मन छुन सकेन
भयो होला सबैको तर मेरो हून सकेन

भरेर जून तारा सिउदै सजाए पनि
खाली यो मनको कुना सजाउन सकेन

बेमौसमी झरीले जती बल लगाए पनि
लेखीएको नाम तिम्रो कहिल्यै धुन सकेन

तिम्रो नाम हात भरी रात भरी लेखी रहंदा
तारा रुन सकेन र हाँस्न जून सकेन

उ मन दुखाई रह्यो,आँखा भिजाई रह्यो
छातीमा टांसीएर तर उ रुन सकेन.......

Sunday, June 23, 2013

तुझको बेइन्तहां महोब्बत करूँ
और बेपरबाह हो जाऊं मैं ....
भूल जाऊं सब कुछ और
तुझ में खो जाऊं मैं


तेरी दीद को तरसती मेरी निगाहें
तेरी आने की आहट,तेरे जाने की बेचैनी
तेरी याद में गुजरा हुवा एक एक लम्हा
वो शाम की आधा प्याली चाय,डूबता हुवा सूरज
वो मेरी बालकॉनी का एक छोटा सा कोना
सब तो तेरे  अहसास से भीगे हुए हैं
फिर मैं तुझे भुलाऊं तो कैसे?
तुझसे अजनबी  बन जाऊं तो कैसे

अब कभी लगता है यूं ही बे वजह रूठ जाऊं मैं
काश के तू आए मेरे मनाने के लिए
जानती हूँ के क्षितिज के उस पार कुछ भी नहीं है
न तू, और न ही तेरे आने का कोई ज़रिया ......

बादलों के कई टुकड़ों को जोड़ कर
कभी कभी एक चहरा बनाती  हूँ
उसकी आँखें  फिर भी  मुझे अजनबी की तरह घूरती हैं
मैं यूं ही चुपचाप वहीँ पर बैठी रहती हूँ,जाने क्यूं ......

मैं तमाम उम्र उसकी ही जुस्तजू में गुजार  दूंगी
उसकी इज़ाज़त की परबाह मुझे थी ही कब
ये अधूरी सी एक कहानी उस के बिना अधूरी रहेगी
वो जाने या न जाने,माने या माने, वो हिस्सा है मेरी जिंदगी का
मेरे खवाबों, का ख्यालों का ........

आज बेपरबाह हो जाऊं मैं .........