Sunday, August 7, 2011

तेरे लिए

अब तो हर पल वो तेरी याद यूं सताती है 
प्यार के नाम का पैगाम ले के आती है 
तू मेरा है में तेरी हमदम हूँ जन्मों तक
धडकनें मेरी तेरे धुन में गुनगुनाती है 

तू मेरे इश्क में जलता है सुना करती हूँ 
हाँ सनम नाम तेरा लेने से मैं डरती हूँ 
यह तो एक आग है इस में तो सभी जलते हैं 
मैं तो जल कर भी तुझे चाहूँ दुवा करती हूँ 

टूटे गर ख्वाब सुनहरे तो टूट जाने दे 
वक़्त के डाल से लम्हों को छुट जाने दे 
है तू  क़िस्मत में तो मिल जाएगा एक दिन मुझको 
अपने हिस्से के यह सावन को रूठ जाने दे 

मैं तुझे दिल से मिटादूँ ये हो नहीं सकता 
प्यार को तेरे भुला दूँ ये हो नहीं सकता 
तेरे ख़ातिर अब हद से भी गुजर जाउंगी 
तुझे इस दिल से निकालूँ यह हो नहीं सकता ..


Friday, May 27, 2011

मैंने अब इश्क़ को पन्नों में सजाना छोड़ा
रुख़ महोब्बत का अपने दिल के तरफ से मोड़ा
जो दगा दे गया वो कल तक था अपना ही
जिस ने तनहा ही मुझे  बिच सफ़र में छोड़ा

Thursday, April 21, 2011

अब से तुम कभी मत कहना,''तू मेरे लिए सब कुछ है
मेरा असमान,मेरी धरती,मेरी पूरी दुनिया,सब सब तू ही है
मेरे जीने का जरिया,मेरे होठों की हसीं,मेरे आँखों का नूर
खिलता हुवा गुलाब ,मदभरी आँखों की वो बेचैनी..सब सब तू
अब से तुम ये सब कभी मत कहना
नहीं तो मुझे ये सब सच लगने लगेगा 

आदत मेरी बिगड़ जाएगी
में फिर इतरा इतरा के डोलने लगूंगी
पाँव जमीन पर नहीं पड़ेंगे..
खिलता हुवा गुलाब से अपने को तौला करुँगी
और फिर कभी मुझे अपने मजाक बन्ने का अहसास हुवा
तो टूट जाउंगी,बिखर जाउंगी .....
इसीलिए अच्छा होगा तुम ये कभी मत कहना
क्यों की अब डरती हूँ हो सकता है हिमत नहीं है मुझ में चोट खाने की ....

Friday, March 11, 2011

इन दिनों कुछ यों जिंदगी गुजर रही है
तू है यहीं कहीं,फिर भी नज़र से दूर है
रौशनी चुभ रही हैं आँखों में, अंधेरों में खोने का मन है
छुपा रही हूँ दुनिया की नज़रों से अपनी आँखों की मायूसी को
जाने कैसे साँसे चल रही है मेरी, न  मैं  जानती हूँ न ही तू
तू बेखबर मुझसे,में बेक़रार तेरे लिए ...


इन दिनों कुछ यों जिंदगी गुजर रही है
ये खुसी के दिन हैं या ग़म का साया
अजीब सी कसमकस है ,यही दुआ करती हूँ
सलामत रहे तू जहाँ भी रहे
दुआ करती हूँ ये  इंतजार अब और लम्बी न हो
जुदाई कभी भी अच्छी नहीं लगती
सच मैं ....जुदाई कभी भी अच्छी नहीं लगती