Saturday, December 27, 2008

ज़हर

"अपने ही हाथो से ज़हर पिलाकर चले जाओ...
आखरी बार हमसे नज़र मिलकर चले जाओ.

पहेनकर ये हसीं चेहरा तुम बड़े हसीं लग्ते हो...
होजाए दीदार रुख से पर्दा हटाकर चले जाओ.

जूनून-ऐ इश्क़ के चलते जो लिखा था नाम हमने...
चुब रहा है दिल पर इसे मिटा कर चले जाओ.

भुलाकर कसमे वादे जो हाथ तुमने छोड़ दिया...
खंता क्या हुई हमसे बताकर चले जाओ।


"