तुम गैर हो ये कह नहीं सकती
तुम दिल में हो ऐसा भी नहीं है
चलते ही चलते ये फासले बढ़ गए कैसे
तुम से दूर जी लूँगी ये कह नहीं सकती
तुम्हारे दिल में कोई कोना मेरे लिए बचा होगा
मेरा दिल तो जाने कब से टुटा पड़ा है
फिर टूटे दिल में कोई कोना कहाँ से लाउ
जिस में तुम्हारा अक्श छुपा हुवा हो...........
Sunday, June 27, 2010
Sunday, June 13, 2010
वक़्त ने जो दिया है दर्द....
वक़्त ने जो दिया है दर्द
तुम उसे क्या मिटाओगे
तुम भी तो ज़माने की तरह
वक़्त के ही मुलाज़िम हो
हम अपने दुनिया में
तनहा ही अच्छे भले हैं
तुम पास न आना कभी
वरना अपने साथ तुम
वही वक़्त ले आओगे
फिर दर्द का एक नया
सिलसिला शुरू हो जायेगा......
तुम उसे क्या मिटाओगे
तुम भी तो ज़माने की तरह
वक़्त के ही मुलाज़िम हो
हम अपने दुनिया में
तनहा ही अच्छे भले हैं
तुम पास न आना कभी
वरना अपने साथ तुम
वही वक़्त ले आओगे
फिर दर्द का एक नया
सिलसिला शुरू हो जायेगा......
Wednesday, June 9, 2010
जिंदगी की कहानी .....
जिंदगी की कहानी बदलती रही.
लड़खड़ाई कभी फिर संभलती रही..
क्या जाने क्या हुवा इस सफ़र में भला.
हुई सुबह नहीं रात ढलती रही..
क़िस्सा-ए-जिंदगी क्या बताऊ तुम्हे.
वो हुवा न मेरा हाथ मलती रही..
तुम से मिलने की चाहत को दिल में लिए.
मैं बहाने से घर से निकलती रही..
तुम को पाने की धुन में क्या क्या न किया.
तुमने देखा नहीं में संवरती रही..
कोई इल्म न तुम को रहा आज तक.
हसरतें मेरी तनहा ही जलती रही..
लड़खड़ाई कभी फिर संभलती रही..
क्या जाने क्या हुवा इस सफ़र में भला.
हुई सुबह नहीं रात ढलती रही..
क़िस्सा-ए-जिंदगी क्या बताऊ तुम्हे.
वो हुवा न मेरा हाथ मलती रही..
तुम से मिलने की चाहत को दिल में लिए.
मैं बहाने से घर से निकलती रही..
तुम को पाने की धुन में क्या क्या न किया.
तुमने देखा नहीं में संवरती रही..
कोई इल्म न तुम को रहा आज तक.
हसरतें मेरी तनहा ही जलती रही..
Tuesday, June 1, 2010
मेरो विस्मृती को गर्भ मा.....
हुन सक्छ तिमीलाई एक युग लाग्ला
मेरो विस्मृतीको गर्भ मा बिलाउन
स्मृतीका पट्यार लगदा दिन हरु मा
म पनि उसै गरी बाँची रहेछु
समय अनि जिंदगी को यो मापदंड
मेरो अघि पूर्ण रुपमा बद्ली सकेको छ
हिजो जे थियो आज ठीक त्यसको विपरीत
मुठी खोल्छु खाली खाली खाली केवल रित्तो .......
म सक्दिन तिमीलाई सुनाउन
म सक्दिन तिमीलाई समझाउन
केवल बिलाउन चाहन्छु म पनि
सायद तिम्रो विस्मृतीको गर्भमा
सायद तिम्रो विस्मृतीको गर्भमा ..........
हुन सक्छ तिमीलाई एक युग लाग्ला
मेरो विस्मृतीको गर्भ मा बिलाउन
स्मृतीका पट्यार लगदा दिन हरु मा
म पनि उसै गरी बाँची रहेछु
समय अनि जिंदगी को यो मापदंड
मेरो अघि पूर्ण रुपमा बद्ली सकेको छ
हिजो जे थियो आज ठीक त्यसको विपरीत
मुठी खोल्छु खाली खाली खाली केवल रित्तो .......
म सक्दिन तिमीलाई सुनाउन
म सक्दिन तिमीलाई समझाउन
केवल बिलाउन चाहन्छु म पनि
सायद तिम्रो विस्मृतीको गर्भमा
सायद तिम्रो विस्मृतीको गर्भमा ..........
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