Wednesday, January 18, 2012

किसी और का है तू हमसफ़र

किसी और का है तू हमसफ़र 
कोई अजनबी का ख़याल है 
तुझे कैसे क्या मैं बताऊँ अब 
तेरे बाद क्या मेरा हाल है 

मुझे अपने दिल में बसाया भी 
और दिल से मुझ को जुदा किया 
और कुछ नहीं तो तेरे लिए 
मेरे दिल में एक सवाल है 

मुझे रात की तनहाई में 
ग़मों की बाँहों में छोड़ कर 
ये सुना है मैंने इन दिनों 
वो उधर बहुत ख़ुशहाल   है 

कभी इस गली कभी उस गली 
कभी ये कली कभी वो कली 
उस प्यार के व्यापारी का 
ये सिलसिला बेमिसाल है 

अब यादें धुंदली हो चुकीं 
मैंने भी सब कुछ भुला दिया 
ख़ुद से ही खुश रहती हूँ मैं 
सब वक़्त का ही कमाल है ......


Wednesday, January 4, 2012

ख़यालों के झुण्ड जब कभी परेशां करते हैं
जब कभी  बात बात पर तेरी याद आती है 
तुझे देखती हूँ जब किसी हसीं निगाहों में 
मुझे अपनी आँखों की बचैनी सताती है 

    तू क्या है? कौन है? किस का है ,  क्या मालूम 
है तेरी जुस्तजू   हर फूल में, अंगारों में
तेरी गुमनाम चाहत की  हद कैसे समझाउं तुझे
तेरा ही चेहरा दीखता मुझे आसमानी सितारों में

तू बस अपने  दिल की बात बता दे
मिलने के लिए  कोई तनहा रात बता दे
नामुमकिन सा लगने लगा अब यादों के सहारे जीना
हमनफस तू सिर्फ मुझे निगाहों की ज़ज्बात बता दे


नहीं आता मुझको छुपाना ज़माने से
तू ही तू है सासों की हर रवानी में
है जो चाहत तो फिर एतराज़ क्यों तुझको
मैं तो ऐलान करदूं ,हूँ तेरी दीवानी मैं
हूँ तेरी दीवानी मैं ...................