Sunday, August 7, 2011

तेरे लिए

अब तो हर पल वो तेरी याद यूं सताती है 
प्यार के नाम का पैगाम ले के आती है 
तू मेरा है में तेरी हमदम हूँ जन्मों तक
धडकनें मेरी तेरे धुन में गुनगुनाती है 

तू मेरे इश्क में जलता है सुना करती हूँ 
हाँ सनम नाम तेरा लेने से मैं डरती हूँ 
यह तो एक आग है इस में तो सभी जलते हैं 
मैं तो जल कर भी तुझे चाहूँ दुवा करती हूँ 

टूटे गर ख्वाब सुनहरे तो टूट जाने दे 
वक़्त के डाल से लम्हों को छुट जाने दे 
है तू  क़िस्मत में तो मिल जाएगा एक दिन मुझको 
अपने हिस्से के यह सावन को रूठ जाने दे 

मैं तुझे दिल से मिटादूँ ये हो नहीं सकता 
प्यार को तेरे भुला दूँ ये हो नहीं सकता 
तेरे ख़ातिर अब हद से भी गुजर जाउंगी 
तुझे इस दिल से निकालूँ यह हो नहीं सकता ..