अब तो हर पल वो तेरी याद यूं सताती है
प्यार के नाम का पैगाम ले के आती है
तू मेरा है में तेरी हमदम हूँ जन्मों तक
धडकनें मेरी तेरे धुन में गुनगुनाती है
तू मेरे इश्क में जलता है सुना करती हूँ
हाँ सनम नाम तेरा लेने से मैं डरती हूँ
यह तो एक आग है इस में तो सभी जलते हैं
मैं तो जल कर भी तुझे चाहूँ दुवा करती हूँ
टूटे गर ख्वाब सुनहरे तो टूट जाने दे
वक़्त के डाल से लम्हों को छुट जाने दे
है तू क़िस्मत में तो मिल जाएगा एक दिन मुझको
अपने हिस्से के यह सावन को रूठ जाने दे
मैं तुझे दिल से मिटादूँ ये हो नहीं सकता
प्यार को तेरे भुला दूँ ये हो नहीं सकता
तेरे ख़ातिर अब हद से भी गुजर जाउंगी
तुझे इस दिल से निकालूँ यह हो नहीं सकता ..