तुम मुझे छोड़कर भी मुस्कुराकर चले गए।
हमेशा मेरे दिल में घर बनाकर चले गए॥
देखा न जा सका वो रुक्सत तुम्हारा।
चले गए तुम पर रुलाकर चले गए॥
यादो की दुनिया में तनहा ये दिल मेरा।
जिंदगी क्या चीज़ है बताकर चले गए॥
हमेशा मेरे दिल में घर बनाकर चले गए॥
देखा न जा सका वो रुक्सत तुम्हारा।
चले गए तुम पर रुलाकर चले गए॥
यादो की दुनिया में तनहा ये दिल मेरा।
जिंदगी क्या चीज़ है बताकर चले गए॥
1 comment:
इक बात तो मैं भी कहे दूँ.....
दिखायी भी ना दिए हमें और
अपनी कविता पढ़कर चले गए...
वो शब्दों में उतर कर आए और
अर्थों में समाकर चले गए...!!
Post a Comment