तुने तोड़े है कसम जो प्यार के थे
तेरे हाथों में अब खून की महक आती है
तेरी आँखों में भरा है गुरूर का अक्श
तेरी नज़रे मुझे अलग ही मंज़र दिखाती है .....
तू क्या था जो महोब्बत में था ।
तेरे धडकनों में दर्द का साज़ गूंजता था ।
जो तू रुक्सत हुवा उस मोड़ से ।
जब उस पार मिला तो कुछ बदला बदला सा था ....
तेरे हाथों में अब खून की महक आती है
तेरी आँखों में भरा है गुरूर का अक्श
तेरी नज़रे मुझे अलग ही मंज़र दिखाती है .....
तू क्या था जो महोब्बत में था ।
तेरे धडकनों में दर्द का साज़ गूंजता था ।
जो तू रुक्सत हुवा उस मोड़ से ।
जब उस पार मिला तो कुछ बदला बदला सा था ....
No comments:
Post a Comment