वक़्त ने जो दिया है दर्द
तुम उसे क्या मिटाओगे
तुम भी तो ज़माने की तरह
वक़्त के ही मुलाज़िम हो
हम अपने दुनिया में
तनहा ही अच्छे भले हैं
तुम पास न आना कभी
वरना अपने साथ तुम
वही वक़्त ले आओगे
फिर दर्द का एक नया
सिलसिला शुरू हो जायेगा......
7 comments:
फिर दर्द का एक नया
सिलसिला शुरू हो जायेगा......
behad umda..
iisanuii.blogspot.com
आप बहुत सुंदर लिखती हैं. भाव मन से उपजे मगर ये खूबसूरत बिम्ब सिर्फ आपके खजाने में ही हैं
फिर से प्रशंसनीय रचना - बधाई
thanx,
nice blog.
nice blog.....
good poems....
shabdo ka anmol sangrah,,,sundar rachna..meaningful..
vikas pandey
www.vicharokadarpan.blogspot.com
सुन्दर भाव। धन्यवाद।
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