अपना अलग आशियाँ बनाओगे कैसे।
अरमानो को फ़िर से जगाओगे कैसे॥
वो बातें वो यादें ,गुजरे हुए कल के।
उन यादो से दूर तुम जाओगे कैसे॥
हुए जो कभी रूबरू राह चलते चलते।
बीते हुए लम्हों से नज़र मिलाओगे कैसे॥
हिल जाओगे तुम भी अगर वक्त ने करवट ले लिया।
अपने पहले इश्क का दर्द भूलाओगे कैसे॥
तुम ने तो निकला है उसे अपने दिल से।
पर उसके दिल से खुदको निकालोगे कैसे...
अरमानो को फ़िर से जगाओगे कैसे॥
वो बातें वो यादें ,गुजरे हुए कल के।
उन यादो से दूर तुम जाओगे कैसे॥
हुए जो कभी रूबरू राह चलते चलते।
बीते हुए लम्हों से नज़र मिलाओगे कैसे॥
हिल जाओगे तुम भी अगर वक्त ने करवट ले लिया।
अपने पहले इश्क का दर्द भूलाओगे कैसे॥
तुम ने तो निकला है उसे अपने दिल से।
पर उसके दिल से खुदको निकालोगे कैसे...
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