मुझको बनाने वाले ,इतना करम किया होता।
मेरी होठो पर भी होती हँसी,अगर तुने दिल न बनाया होता॥
कैसे बताये हम फ़साने,लुटे हुए अरमानो का।
हमारी भी आज संवरती मांग अगर तुने हाथ बढाया होता॥
जलाकर इस नादाँ दिल को,जो उस मोड़ से गुजर गया॥
सुकून मिलता मेरे दिल को,अगर मुझे भी तुने जलाया होता॥
आज न तू है ,न तेरे आने की वो आहट।
शिकाएत इतनी है असमान वाले से,हम यु न बरबाद होते,
अगर तुने महोब्बत न सिखाया होता.....
मेरी होठो पर भी होती हँसी,अगर तुने दिल न बनाया होता॥
कैसे बताये हम फ़साने,लुटे हुए अरमानो का।
हमारी भी आज संवरती मांग अगर तुने हाथ बढाया होता॥
जलाकर इस नादाँ दिल को,जो उस मोड़ से गुजर गया॥
सुकून मिलता मेरे दिल को,अगर मुझे भी तुने जलाया होता॥
आज न तू है ,न तेरे आने की वो आहट।
शिकाएत इतनी है असमान वाले से,हम यु न बरबाद होते,
अगर तुने महोब्बत न सिखाया होता.....
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