खाकर कसम तोड़ना कोई आपसे सीखे।
देकर दर्द मुस्कुराना कोई आपसे सीखे।
कहेते हो मुस्कुरा,चुभोकर खंज़र दिल मैं
खुनी हाथो से सहेलाना कोई आपसे सीखे।
देखा न कभी मैंने ये कैसा नज़ारा,
अपने आप पे ऊँगली उठाना कोई आपसे सीखे ।
क्या हुवा वादा आपका ?जो करू सवाल कभी,
जबाब बगैर नज़र चुराना कोई आपसे सीखे.............
देकर दर्द मुस्कुराना कोई आपसे सीखे।
कहेते हो मुस्कुरा,चुभोकर खंज़र दिल मैं
खुनी हाथो से सहेलाना कोई आपसे सीखे।
देखा न कभी मैंने ये कैसा नज़ारा,
अपने आप पे ऊँगली उठाना कोई आपसे सीखे ।
क्या हुवा वादा आपका ?जो करू सवाल कभी,
जबाब बगैर नज़र चुराना कोई आपसे सीखे.............
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