तुमने भी आँखों में कोई ख्वाब सजा रखा है ।
इश्क की आरज़ू में दिल को जला रखा है ॥
तुम न बताओ हमे,मालूम तो हमे भी है।
तुमने अपने ख़यालों में किस को बसा रखा है॥
सुरमई अखियों को झुकाओ न इस तरह से।
इन्ही ज़ालिम अदाओं ने दीवाना बना रखा है॥
मैंने तो इन दिनों कुछ ऐसा ही सुना है।
तुमने अपने पलकों तले मुझको छुपा रखा है॥
इश्क की आरज़ू में दिल को जला रखा है ॥
तुम न बताओ हमे,मालूम तो हमे भी है।
तुमने अपने ख़यालों में किस को बसा रखा है॥
सुरमई अखियों को झुकाओ न इस तरह से।
इन्ही ज़ालिम अदाओं ने दीवाना बना रखा है॥
मैंने तो इन दिनों कुछ ऐसा ही सुना है।
तुमने अपने पलकों तले मुझको छुपा रखा है॥
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