तुम्हारी आंखों में कोई ख्वाब नजर आता हे
सुबह का खिलता हुवा आफ़ताब नज़र आता हे।
तुम मुस्कुराते हो तो जी उठती हे जिंदगी।
तुम्हारी हसीं में वक्त का ठहराब नज़र आता हे।
रोज़-ओ-शब् जिनकी याद में मचलती हे आरजू
उन आंखों में इश्क का सैलाब नज़र आता हे॥
छुपालो अपना इश्क हमसे ,पर तुम्हारे चहरे पर ।
वो तुम्हारा शर्माना बेहिसाब नज़र आता हे॥
सुबह का खिलता हुवा आफ़ताब नज़र आता हे।
तुम मुस्कुराते हो तो जी उठती हे जिंदगी।
तुम्हारी हसीं में वक्त का ठहराब नज़र आता हे।
रोज़-ओ-शब् जिनकी याद में मचलती हे आरजू
उन आंखों में इश्क का सैलाब नज़र आता हे॥
छुपालो अपना इश्क हमसे ,पर तुम्हारे चहरे पर ।
वो तुम्हारा शर्माना बेहिसाब नज़र आता हे॥
1 comment:
bahut khoob likha hai aapne
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