दिल मेरा कब दीवाना न था
साथ उसको निभाना न था
आ मैं वो शहर छोड़ कर
अजनबी था वो अपना न था
बिखर कर हसीं फूल को
तोड़ दीं पंखुड़ियाँ सभी
इतना भी क्यों बदल वो गया
उसका अंदाज़ ऐसा न था
वो निगाहें मिला न सका
कहते कहते ही चुप रह गया
मैंने जाना के कुछ भी हो अब
दिल का तूफ़ान थमना न था
दिल में तूफ़ान घर कर गया
वो जो बोला के जी भर गया
उसको अब और कहना न था
मुझको अब और सुनना न था
अश्कों का दरिया मेरा
नजाने वो क्यों पी गया
तिश्नगी इतनी कैसे रही
ग़म मेरा इतना प्यासा न था
तुम से ये इल्तज़ा हैं मेरी
मिल भी जाओ कभी राहों में
इस तरह से गुजर जाना तुम
जैसे के तुमने देखा न था
साथ उसको निभाना न था
आ मैं वो शहर छोड़ कर
अजनबी था वो अपना न था
बिखर कर हसीं फूल को
तोड़ दीं पंखुड़ियाँ सभी
इतना भी क्यों बदल वो गया
उसका अंदाज़ ऐसा न था
वो निगाहें मिला न सका
कहते कहते ही चुप रह गया
मैंने जाना के कुछ भी हो अब
दिल का तूफ़ान थमना न था
दिल में तूफ़ान घर कर गया
वो जो बोला के जी भर गया
उसको अब और कहना न था
मुझको अब और सुनना न था
अश्कों का दरिया मेरा
नजाने वो क्यों पी गया
तिश्नगी इतनी कैसे रही
ग़म मेरा इतना प्यासा न था
तुम से ये इल्तज़ा हैं मेरी
मिल भी जाओ कभी राहों में
इस तरह से गुजर जाना तुम
जैसे के तुमने देखा न था